तुम्हारे जाने के बाद
तुम्हारे जाने के बाद
कभी जो शक्स हमारा हुआ करता था
आज किसी और के मांग का सिंदूर हुए बैठा है।
जो कभी जान से भी प्यारा था
आज दूर हुए बैठा है।।
जिसकी हर आहट पर सिहर जाती थी मैं
आज सामने से गुज़र जाए तो कोई मस्ला नहीं है अब।
जिसको हर वक्त तलाशती थी आंखें मेरी
वो किसी और का सितारा हुए बैठा है।।
जब सिर्फ चार मीटर के दायरे को दुनियां मान बैठे थे
उसके इर्द गिर्द ही सजने लगी थी सारी खुशियां मेरी।
वो तब भी ख़ुद में मशगूल था मेरे प्यार से अंजान
वो आज भी मुझसे दूर है पर आंखों में नमी न मेरी।।
चलो अच्छा है तुम चले गए,
तुम्हारे जाने के बाद ही पता चला ....
कि, हो सकता है प्यार शादी के बाद भी
और जिया जा सकता है , तुम्हारे बाद भी।।

