मैं और तुम
मैं और तुम
तुमने भले ही घूम लिया हो जग सारा
तुम्हें सुकूँ तो मेरी आँखों में ही मिलेगा।।
तुमने सुने होंगे हज़ारो गीत प्रेम के
तुम्हें मोहब्बत के तराने तो मेरे दिल मे मिलेंगे।।
तुम्हें लाख आती हो दुनियादारी
लेकिन मेरी मुस्कुराहट पे तुम यूँ ही सब हार जाते हो।
तुमने जरूर पूरे किये होंगे अपने रंगीन सपने
लेकिन मुझ सा हसीं कोई ख़्वाब न होगा।।
तुम्हारी आँखो ने देखे होंगे नूर कई
पर जीवन में तुम्हारे मुझ सा न कोई आफ़्ताब होगा।।

