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चहक Nath

Romance

4  

चहक Nath

Romance

तुम्हारा आना

तुम्हारा आना

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तुम्हारा आना......, 

ठीक वैसे है, जैसे तपती धरा पर

बारिश की एक बूंद।। 

तुम्हारा आना....., 

ठीक वैसे है, जैसे पथिक को

मरु में पोखर का मिलना।। 


तुम्हारा आना...., 

ठीक वैसे है, जैसे विरान पड़ी दीवार

खूबसूरत तस्वीर का लगना। 

तुम्हारा आना....., 

ठीक वैसे है, जैसे सूने मन में

खुशियों की आस जगाना।। 


तुम्हारे आने से ही रोशन

हो रही है अब ये ज़मी। 

तुम्हारे आने से ही महक उठी ये फ़िज़ा।। 


तुम्हारे आने से चहकने लग ये मन। 

तुम्हारे आने से ही बहकने लगे ये कदम।। 

क्योंकि तुम्हारा आना तय था 

इस  वीरानेपन के बाद उम्मीद बन कर।। 


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