तुम पास हो न मेरे
तुम पास हो न मेरे
सारे गम भूला देते हैं,
सारी चिंताएं मिट जाती हैं
जब इसका एहसास मेरा दिल मुझे कराता है -
कि तुम साथ हो न मेरे !
तुम पास हो न मेरे !
सारी खुशियां लौट आती हैं ,
मुस्काती कलियां खिल जाती हैं
मेरी दुनिया जब मेरे करीब आती है!
जब भी विचलित होता है ज़रा भी मेेरा मन ,
अंदर से आवाज उम्मीद बन निकल आती है--
तुम साथ हो न मेरे !
तुम पास हो न मेरे !
सारी दुनिया भले ही खिलाफ क्यों न हो जाए हमारे !
सारी दरवाजें दुनिया की बंद क्यों न हो जाए हमारे लिए!
पर इसका एहसास मेरा दिल मुझे जब कराता है कि-
एक दीवानी के दिल की दरवाजा हर पल खुला है मेरे लिए!
निराशा में भी आशा की किरण आखिर देख ही लेता हूं हरपल ।
क्यूंकि तुम साथ हो मेरे !
तुम पास हो मेरे !
तुम बनी ही हो सिर्फ मेरे लिए ,
और मैं जीता सिर्फ तेरे लिए।।