#इंतज़ार - तेरी यादें#
#इंतज़ार - तेरी यादें#
मैं इंतज़ार में हूँ कि हमारे बीच
ये जो वक़्त की दीवार है
उसे मैं गिरा दूँ...
तेरे मेरे बीच ..जो इन लम्हों की दूरी है..
उसे मैं मिटा दूँ..
तेरा होना तेरा मिलना
आज इस दुनियां को दिखा दूँ..
लोग कहते हैं तो उनका..मैं
ये गलतफहमी उनकी बता दूँ..
सब्र का हर आस यक़ी मैं हूं..
तू आसमां ग़र तो मैं जमी हूँ..
तू चाँद बन चमका ग़र..
मैं चांदनी बन बिखर जाऊं..
तू बादलों के बीच छुप जाए तो
मैं बारिश बनकर तुझे भीगा दूँ..
मुझे ख़ौफ़ कभी खोने का नही
लेकिन तुझे चाहने का अरमां
बता आज कैसे भूला दूँ..
तू ग़म के साये से बाहर तो निकल
मैं तुझे आज खुद में समा लूँ..
महफ़िल हो, या सामने दुनियां सारी..
ये मोहब्बत है, बस मोहब्बत..
तू कहे तो आज मैं सबको...
ये इबादत, इनायत, हिफाज़त
सब उस रब की रहमत है..
हां, मुझे तुम से यही चाहत है....!!