तेरा ख्याल उलझा सवाल.....!!
तेरा ख्याल उलझा सवाल.....!!
खामोशी से देखने को वो कहते है ताड़ रही..
उनको क्या पता मन की हजार ख्वाहिशें उनकी आँखों से पढ़ रही होती..
कुछ भी इधर-उधर की बातें कहते हुए पूछ लेते है वो क्या..
उनके दिल की धड़कनों को सुनकर मैं भी बोल देती हूं
कुछ नहीं...........
फिर भी उनके हजार खयालों के सवालों से उलझ रही होती....!!