STORYMIRROR

सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता "

Romance

4  

सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता "

Romance

रहने दे मनमीत

रहने दे मनमीत

1 min
24.5K

रहने दे मनमीत मेरे हाथ में तेरा हाथ रहने दे मनमीत 

मुझे अपने पास-साथ रहने दे मनमीत


माना मैं तो हूँ उन्मुक्त पवन का झोंका,

मुझको भी हवा संग बहने दे मनमीत 


तेरे लबों की ख़ामोशी मेरी रूह में कैद,

मुझे तो अपनी बात कहने दे मनमीत


तेरी जुदाई तो मुझसे सहन नहीं होगी,

मेरे हिस्से का ग़म मुझे सहने दे मनमीत


मैं चाहता हूँ तन्हाईयाँ मुझसे दूर ही रहे,

सूफ़ी^लफ़्ज़ों को"उड़ता"पहने दे मनमीत।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance