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Navni Chauhan

Romance

4  

Navni Chauhan

Romance

मुहब्बत

मुहब्बत

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इन जुल्फों की पनाह मिल जाए तो क्या,

आंखें इस हुस्न का दीदार कर लें तो क्या,

जो देख मुझे तुम मुस्कुरा दो इस अदा से,

फिर फिक्र क्या,दर्द - ओ - गम क्या।


बज़म ए अंजुम में तुम महताब से सजते हो,

आशिकों की महफिल में शायरों से लगते हो,

लगता है हमारी मुहब्बत ही का असर है आपके नूर पर,

इन दिनों पहले से कुछ ज्यादा खूब लगते हो।


हर बात को यूं पहेली सा कहना तेरा,

मेरी बातों पर वो चुप सा रहना तेरा,

मेरी शरारतों पर शर्म से मुस्कुराना तेरा,

मेरे देखने से चेहरा गुलाबी होना तेरा।


मेरी पसंद तुम्हारी पसंद जो बनने लगी,

दिलों की डोर मजबूत सी बंधने लगी।

सांस तुम्हारे साथ से महकने लगी,

आज दोनो की नियत ज़रा बेहेकने लगी।


दिल से दिल का तार गहरा जुड़ता गया,

हमारा प्यार का फरमान जब से दिल में उतर गया,

ख़्वाब ने ढक लिया है हकीकत का आइना,

हमे हर फिज़ा में भी तेरा एहसास होने लगा।


आओ के इस साथ को जन्मों का साथ बना लें,

तुम्हारी हंसी को अपने दिल का सुकून बना लें,

बनूं शोहर तुम्हारा और तुम्हे अपनी बेगम बना दें,

इस मुहब्बत को निकाह कर पाक बना दें।

आओ के तुम्हे ज़िंदगी बना लें।


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