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Navni Chauhan

Drama Romance Fantasy

4  

Navni Chauhan

Drama Romance Fantasy

कली और भँवरा

कली और भँवरा

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वसंत आया, 

बौर आई, 

कली चटकी, उल्लास छाया, 

उड़- उड़ ख़ुशी में भँवरा गाए, 

प्रेम मिलन के गीत, 

जनम- जनम की प्रीत। 


प्रेम की मादकता में डूबा, 

भँवरा नाचे- गाये, 

हाय! संभालूँ दिल को मगर, 

अब संभला न जाए, 

भँवरा शोर मचाए। 


रंगबिरंगी पंखुड़ियों की

पोशाक ओढ़े बैठी हो, 

मंद मुस्कान कहती है, 

तुम इश्क़ कर बैठी हो। 


अब और संभला जाता नहीं, 

कर भी दो न इज़हार- ए- इश्क़,

मुहब्बत में अब उठा लेंगे, 

काँटों से भिड़ने का रिस्क।


बदले में अल्हड़ कली मुस्कायी, 

भँवरे के कान में गुनगुनाई, 

वही

प्रेम मिलन का गीत, 

हमें तुमसे है प्रीत, 

तुम मेरे मनमीत, 

ये जनम- जनम की प्रीत। 



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