क्या लिखूँ
क्या लिखूँ
प्यार लिखूँ , तकरार लिखूँ
या हर छोटी मनुहार लिखूँ।
प्यार लिखूँ, व्यापार लिखूँ
या जग का व्यवहार लिखूँ।।
हास मिलन का यार लिखूँ
या विरह शोक अपार लिखूँ।
रुप तुम्हारा यार लिखूँ
या निज कल्पित संसार लिखूँ।।
स्मित-रेखा का वार लिखूँ
या छुपा रुदन में प्यार लिखूँ।
चंचलता तेरी अपार लिखूँ
या झिझका निज व्यवहार लिखूँ।।
वो आलिंगन का भार लिखूँ
या तीव्र रक्त संचार लिखूँ।
अनवरत उमड़ता प्यार लिखूँ
या तजने का दुःख यार लिखूँ।।
प्यार लिखूँ, तकरार लिखूँ
या तेरा सब व्यवहार लिखूँ।
अब तुम ही बतलाओ प्रभात
इसके आगे क्या यार लिखूँ।।