तुम्हें चाहता हूं
तुम्हें चाहता हूं
तुम्हें चाहता हूं ,चाहता ही रहूंगा
दिल में तेरी तस्वीर को सजाए रहूंगा
माना तू अभी कुछ दूर है हमसे
फिर भी मैं तेरे इंतजार में रहूंगा
रख ले तू हकीकत पर ख्वाब से निकल तू
मेरे दिल के पन्नों को जरा गौर से पढ़ ले तू
सच कहता हूं पढ़ने को तुझे सच्चा आशिक मिलेगा
इस प्रेम कहानी को में बढ़ाता रहूंगा
हो जाए जमाना भले मेरा - तेरा दुश्मन
तब भी नहीं होगा मेरा प्यार तुझसे कम
इस दौर से क्या हम उस दौर से तुझे चाहते हैं
एक ही जन्म क्या ,सातों जन्म साथ रहूंगा
अब तू मान जा मेरे दिल की तू सुन
हो सके तो बजा मेरे प्रेम की धुन
तुझको मैं नचाऊं संग संग नाचू भी
हर गीत का संगीत तुझे ही बनाए रहूंगा।