हमदम
हमदम
प्यार हुआ इतना तुमसे, कि दर्द भरे मेरे गीत हो गए।
सुख न जाना दुःख न जाना, यादें तेरी मीत हो गए।।
हर पल तुमको अपना माना, सबसे बढ़कर तुमको जाना।
रिश्ते नाते सब भूल गया मैं, ऐसे मेरे हालात हो गए।।
हर शै में तेरा जलवा, जिधर देखता तुमको ही पता।
प्रेम पाश में ऐसा जकड़ा, हम तुम में ही लीन हो गए।।
किया न कुछ भी तेरे खातिर, दे न सका विश्वास कभी भी।
देख तुम्हारी भोली सूरत, हम तो तेरे ही मुरीद हो गए।।
किया हवाले सब कुछ अपना, मुख पर तेरा नाम ही जपना।
नहीं सहारा अब कुछ अपना, न जाने तुम कैसे मिल गए।।
राह तुम्हारी देखता रहता, तुम्हारी यादों में रोता रहता।
एक तमन्ना तुम मिल जाओ, मानो फिर जीवन में रंग भर गए।।
रूह का रिश्ता इतना गहरा, हर धड़कन में तुम महफूज हो गए।
जहां भी देखूं तुमको पाऊं,ऐसे तुम मे हम मशगूल हो गए।।
प्यार किया तब हमने जाना, हद से ज्यादा तुम को ही माना।
"नीरज" ने इतना है जाना, कि तुम हमारे "हमदम" बन गए।।