प्रेम की राहों पे
प्रेम की राहों पे
चल कर देखा है मैंने, प्रेम की राहों पे,
बहुत सुकून मिला है, मुझे उनकी बाहों में....
देखी है मैंने जन्नत,अपने प्यारी की निगाहों में,
बदल कर देखा है मैंने खुद को,
लगती नही है दिल, किसी और की पनाहों में,
करके देखा है मैंने कोशिश
होता ही नहीं है नफरत, उनकी सायों से
चल कर देखा है मैंने, प्रेम की राहों पे,
बहुत सुकून मिला है मुझे, उनकी बांहों में....
कुछ लोगों को लगता है आजकल
कि हो जाता है प्यार, क्षण भर में
यूं ही चलते हुए, मुखौटे की राहों में
तोड़ देते है विश्वास वही लोग
इसी प्रेम की राहों पे,
छोड़ देते है सच्चे प्यार को
उन मुखौटे के चाहो में
चल कर देखा है मैंने प्रेम की राहों पे,
सुकून मिला है मुझे, उनकी बांहों में....
मुखोटो के चाह में टूट जाता विश्वास जिनका
सच्चे प्यार भी गलत लगने लगता हैं उनका,
कुछ को लगता है प्रेम ही धोखा है,
शायद पता नही है उनको
दुनिया चलती है सिर्फ प्रेम भावों से,
चल कर देखा है मैंने प्रेम की राहों पे,
सुकून मिला है मुझे मेरी प्यारी की बाहों में.

