मेरी जिंदगी...!
मेरी जिंदगी...!
चेहरे की हँसी दिखावट सी लग रही है,
असल जिंदगी भी बनावट सी लग रही है।
पहले ऐसा नहीं था मैं, जैसा आज हूं,
आजकल मेरी जिंदगी भी कहावत सी लग रही है।।
जिनको मैं अपना माना हूं,
उसी ने मुझको पराया बताया है।
दूसरों को क्या बोलूं मैं,
अपनो ने ही खुद से दूर रहने का रास्ता दिखाया है।।
कुछ तो मुझे अपना सर दर्द समझने लगे,
किसी की जिंदगी के हम जहर बनने लगे।
किसी को सही तो किसी को गलत है लगे,
अपनो की खुशी है तो क्यों करे शिकवे गिले।।
असल जिंदगी भी बनावट सी लग रही है,
आजकल मेरी जिंदगी भी कहावत सी लग रही।।