सोशल डिस्टेंसिंग
सोशल डिस्टेंसिंग
सोशल डिस्टेंसिंग
इस कद्र
मेरी आदत में शुमार हो गई है
डिस्टेंसिंग समाप्त
होने के बावज़ूद
किसी से मिलने को
मन ही नहीं करता
किसी से बात करने को
मन नहीं करता
घर से बाहर जाने को
मन नहीं करता
अपनी ही एक दुनिया बना ली है
समय बिताने के अनेकों साधन जुटा लिए हैं।
सच्चाई यह है कि अपने में ही रम गई हूं मैं।
लोग कहते हैं
बहुत बनती है
अपने को कुछ ज़्यादा ही
समझने लगी है।
इतने लोगों को कोरोना खा गया है बच गई है न
इसी कारण घमण्डी हो गई है।