ऐ राही
ऐ राही
ऐ राही !
मत कर किसी की तू परवाह
जो तुझको देते हैं आज ताना,
तू चलता रह
अपनी मंजिल की तरफ
अपना सीना तान,
एक वक्त ऐसा भी आएगा तेरा
सबके सिर झुक जाएंगें,
तू चलता रहे
मुश्किलें हट कर
मंजिल मिल जाएंगीं,
लोगों का क्या है ?
वो कहते हैं कहने का काम,
नित तू राही चलता रह
चलना ही है तेरा काम!!
