STORYMIRROR

Priyanka Saxena

Inspirational

4  

Priyanka Saxena

Inspirational

"भागमभाग ज़िन्दगी" #31writingprompts

"भागमभाग ज़िन्दगी" #31writingprompts

1 min
275

जंगलात में पशु तन्हा,

शहरों में अकेला आदम।

भागमभाग ज़िन्दगी,

एकतरफा रिश्ते।

ढोना ज़रूरी,

समय का अभाव।

हंसी से परे,

मशीन ही बने।


पैसों के पीछे भागे,

डाॅलर के मोह में पड़े।

हर पल सोचना

कि पाना है मंज़िल।

जो दूसरा आया

वो है दोयम दर्ज़े का।

कहां पहुंचा रहा है,

ये सब तुझे मानव !


अरे ! अब बस बहुत हुआ !

थम जा , रुक जा !


आज का वीरानापन,

मन का रीतापन।

स्नेह प्यार से,

रिश्ते संवार दे।

कुम्हला गए रिश्ते,

को नवजीवन दे।


दिल के सभी मतभेद,

मिटा कर जी ले।

आज इस सूखे पेड़ को,

जल से अभिसिंचित कर ले।

कुदरत के लचीलेपन से,

मिले अपनापन।

नेह में भीगे तन-मन,

प्रफ्फुलित हो जीवन।

कल किसका हुआ कभी ?

आज,बस आज कर जा !


रिश्तों को अपने ताज़ा कर ले,

ऐ मानव, तू रिश्ते जी ले !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational