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Priyanka Saxena

Romance

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Priyanka Saxena

Romance

बुरांश के फूल सी चटक चाहतें!

बुरांश के फूल सी चटक चाहतें!

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क्षणभंगुर सी 

ज़िन्दगी से

कुछ पल 

सुकून के चुरा सकूं।

बहाना कुछ पलों का

और इरादा तुम्हारे साथ का,

ज्यादा तो नहीं ?

बुरांश के फूल सी

चटक लाल ये चाहतें,

हसरतें अधूरी 

पथरीली चट्टानों सी,

या पूरी हों मुरादें

दूब सी फैली हुई,

ज़िन्दगी अब तुम्हीं से,

तुम्हीं का ज़िक्र

और तुम्हारी ही फ़िक्र ,

ज़िन्दगी बन चुके हों तुम!

अक्सर ख्यालों में

बातों में, बेध्यानी में,

पुकारा है तुम्हें 

नाम ज़िन्दगी का 

पर्याय बन चुके हों तुम!



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