Priyanka Saxena

Romance

4.5  

Priyanka Saxena

Romance

तुम मुझमें यूं शामिल हों!

तुम मुझमें यूं शामिल हों!

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तुम मुझमें यूं शामिल हों,

मन में विचरते विचारों सी,

अरमानों के पहरों सी,

कली के कोंपल सी,

सूरज की किरण सी,

चंदा की चांदनी सी,

बरखा की नमी सी,

ओस की छुअन सी, 

पत्ते की खड़कन सी,

दिल की धड़कन सी,

जुबां की बातों सी,

आंसू की आद्रता सी,

चमकती दामिनी सी,

मेघ की गर्जना सी,

नियमों की वर्जना सी,

रस्मों की रवायत सी,

कसमों की बंदिशों सी,

प्यार की अभिव्यंजना सी,

भावनाओं की बौंछार सी,

बिखरे अनेकों उपमान,

तुम बिल्कुल वैसी ही हों,

तुम शामिल हों ज़िन्दगी में,

कवि की कविता सी,

उपमा में उपमेय सी!


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