नारी
नारी
नारी जो मूरत है सौन्दर्य की, शीलता की
क्या सच मे यह अवतार है
सरस्वती की, दुर्गा की, काली की?
यदि यह अवतार है सरस्वती की
जो देवी है विद्या और ज्ञान की
तो लिप्त क्यो है अज्ञानता के सरोवर में?
क्यो भटकती है निरक्षरता के टेढ़ी-मेंढ़ी राहो में?
नारी जो मूरत है सौन्दर्य की, शीलता की
यदि अवतार है काली की
जिन्होने किया संहार राक्षसों का
तो शिकार क्यो है अत्याचारों की?
क्यो नही करती दमन अत्याचारियों का?
नारी जो मूरत है सौन्दर्य की, शीलता की
यदि यह अवतार है दुर्गा की
जो मूरत है पवित्रता की
तो कहाँ गये उसके वो चार हाथ
जो करते थे उसकी पवित्रता की रक्षा?
क्यो उठने देती है लोगो की उगलियाँ?
खुद के चरित्र पर
सिसक-सिसक रोती है अपनी पराजय पर
नारी जो मूरत है सौन्दर्य की, शीलता की
यदि यह अवतार है सीता का, द्रौपदी का
तो कहाँ गये राम जो छुड़ा लाये सीता को रावण की लंका से?
कहाँ गये कृष्ण जो बढ़ाकर चीर रखे बहन की इज्जत?
कहाँ है लक्ष्मण जो आदर करे भाभी का?
नारी जो मूरत है सौन्दर्य की, शीलता का
क्या नही है यह अवतार सरस्वती, दुर्गा, काली का?
क्या सच मे कमजोर हो गई है
सरस्वती दुर्गा काली की अवतारणी?
