पिता
पिता


जो जान से प्यारा होता है
जो जग से न्यारा होता है
जो अभिमान हमारा होता है
वो पिता हमारा होता है ॥
कुछ थका सा चेहरा होता है
कुछ बढ़ी सी दाढ़ी होती है
कुछ फटा सा कालर होता है
कुछ टूटा सा जूता होता है
वो पिता हमारा होता है ॥
हर वक़्त फिक्र मंद रहता है
हमारे लिये जीता मरता है
जो हमें पढाने बनाने की खातिर
दिन रात भी नहीँ समझता है
वो पिता हमारा होता है ॥
हम बढ़े हुए कामयाब हुए
सब अहसानों कॊ भूल गए
घर जब अपना बनाने लगे
माँ बाप का कमरा भूल गए
शरीर से बदबू आती है
ये कह कर दिल भी तोड़ गए
बीबी का गौग्ल्स याद रहा
पापा का चश्मा भूल गए
वो टूटा जूता भूल गए
पसीने की रोटी भूल गए
दारू की बोतल नहीँ भूले
माँ बाप की दवाई भूल गए
सब सह कर भी मुस्कराता जो
वो पिता हमारा होता है
"लक्ष्य" पिता हमारा होता है ॥