हमारा गाँव
हमारा गाँव


सबसे सुंदर सबसे प्यारा
यारों गाँव हमारा
प्रेम एकता निःस्वार्थ प्यार
का वही तो है बसेरा
एक है मंदिर एक है मस्जिद
एक है वहां गुरूद्वारा
वहां ना कोई हिंदू मुस्लिम
ना कोई सिख ईसाई
सच कहता हूँ वही पर लगता
यही हिंदुस्तान है मेरा
कितना सुंदर कितना प्यारा
यारों गाँव था हमारा
एक बड़ा सा घर एक आँगन
उसमें चारपाई का अम्बारा
दादा दादी चाचा चाची
पापा मम्मी बड़ा परिवार हमारा
एक ही आँगन में होता था
प्यार से मिल जुल गुजारा
एक ही हड़िया एक ही चूल्हा
कितना स्वादिष्ट था भोजन
एक साथ जब मिलकर खाते
अब तो स्वप्न वो नजारा
कितना सुंदर कितना प्यारा
यारों गाँव था हमारा
गौ माता की पूजा होती
दूध घी का था भंडारा
रोज गोबर से लीपते थे
आँगन और घर का द्वारा
स्वर्गमय जीवन था
लक्ष्मी का था बसेरा
बेलों के गले में बजे घुंघरू
जीवन संगीत सुनाते थे
खेतों में हरियाली देख
नयन कमल खिल जाते थे
आम नीम बरगद की छांव
में क्या क्या खेल रचाते थे
नदी किनारे जाकर हम सब
.... बहुत ही मौज उड़ाते थे
वही नहाते वही तैरते
नौका सेर हम करते थे
नहीं किसी में बैर भाव था
प्यार का था वहां बसेरा
कितना सुंदर कितना प्यारा
" लक्ष्य " है गाँव हमारा
आज भी लगता वहां हमको
स्वर्ग से सुंदर नजारा
सबसे सुंदर सबसे प्यारा
लक्ष्य है गाँव हमारा।।