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Nirdosh Jain

Children Stories

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Nirdosh Jain

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पंछी कहां है तेरा ठिकाना

पंछी कहां है तेरा ठिकाना

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  पंछी कहाँ है तुझे उड़ कर जाना 

        बता दे तेरा कहाँ है ठिकाना 

  जहाँ  चुग्ने कॊ मेरा है दाना 

     वहीं है भाई मेरा ठिकाना 

  जहाँ भरता ये पेट  है मेरा 

        .मेरे बच्चों का वहीं है गुजारा 

  वहीं है भाई  मेरा  ठिकाना 

         जहाँ होता है पंछी तेरा गुजारा 

  वहाँ क्या देता है तू जरा बताना 

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bsp; मुझे ब्रह्म, विष्णु, महेश का आशीष 

  जहाँ मुझे  मिलेगा मेरा दाना 

     उस घर में रिधि सिद्धि का सदा वास 

  नहीँ कभी  दरिद्रता का आना 

 बीमारियों का नाता वंहा ना रहना 

   नहीँ कभी दवा वहाँ  आना 

       हम चुन दाना करते वहाँ आराम 

   करते त्रिदेव की आराधना 

        इन्हें सदा खुश रखना भगवान 

  मूक प्राणी कॊ मिलता यहां ठिकाना। 


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