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Nirdosh Jain

Classics

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Nirdosh Jain

Classics

तुम्हारा कुछ ना बिगड़ेगा

तुम्हारा कुछ ना बिगड़ेगा

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 तुम्हारा कुछ ना बिगड़ेगा 

करो उस रब पर भरोसा 

तुम्हारा कुछ ना बिगड़ेगा 

करो मांस हार से तौबा 

तुम्हारा कुछ ना बिगड़ेगा 

 

करो माँ बाप कि सेवा 

तुम्हारा कुछ ना बिगड़ेगा 

करो गौ माता कि सेवा 

तुम्हारा कुछ ना बिगड़ेगा 


बढ़े जब पाप धरती पर 

धरती। थर्रा जाती है 

 महामारी आती-जाती है 

करो तुम पापों से तौबा 


तुम्हारा कुछ ना बिगड़ेगा 

करो प्राकृतिक से प्यार 

तुम्हारा कुछ ना बिगड़ेगा 

करो उस रब पर भरोसा 


तुम्हारा कुछ ना बिगड़ेगा 

अपना लो बात मेरी तुम 

जिओ ओर सबको जीने दो 

तुम्हारा कुछ ना बिगड़ेगा।


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