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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

लबो की मुस्कान

लबो की मुस्कान

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अपने लबो की मुस्कुराहट मत छोड़िये

हर समस्या में खुद को कोहिनूर बोलिये

हर प्रकार का आपका अंधेरा दूर होगा,

पहले ज़माने की फ़िजूल जंजीरे तोड़िये

नकरात्मक विचारों से सदा दूर रहिये,

खिलते हुए फूलो को सदा संग रखिये,

आपकी सफलता के लग जाएंगे पहिये

अपने लबो की मुस्कुराहट मत छोड़िये

अपनी हंसी से हर समस्या को तोड़िये

मुरझाये हुई सोच से सदा नाता तोड़िये

लाखों शूलों में जिंदगी जरूर फूल होगी,

स्व को सकारात्मकता तरफ तो मोड़िये

यह गम सागर तो बस कुछ पल का है,

स्व काबिलियत पर पूरा भरोसा रखिये

दरिया में पतवार को हिलाना न छोड़िये

किनारे के पार आप जरूर चले जाओगे,

पहले खुद का ख़ुद पे भरोसा तो कीजिए

अपने लबो की मुस्कुराहट मत छोड़िये

हर दुःख को सफलता कारक समझिए

एकदिन मंजिल पे कदम पड़ ही जाएंगे,

ख़ुद को किसी से कम मत समझिए

संघर्ष को अपना जीवन साथी करिए

कुंदन जैसे आग में तपकर खरा होता है,

वैसे अपने को जीवन संघर्ष में चमकाए

खुद को सदा आसमान का चांद बोलिये

अपने लबो की मुस्कुराहट मत छोड़िये

खुद को सदा सच्चाई की ओर मोड़िए

फिर आप अपने संघर्ष का कमाल देखिए

अपने को एवरेस्ट की ऊंचाई पर पाइए

अपनी रोशनी से हर बुझा चराग जलाइए

खुद का मुकाम आसमाँ तक ले जाइये

अपने लबो की मुस्कुराहट मत छोड़िये

मुस्कुराहट से शोले को शबनम बनाइये।



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