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Gayatree Swain

Inspirational

4  

Gayatree Swain

Inspirational

Mother

Mother

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उस पल तो जिंदगी क्या होती हे अंन्दाज् भी नहीं था, 

क्या मैं किसी के जान बन ने जा रही हुन वो भी पता नहीं था। 


फिर नाजाने कब मेरे आँखों ने दुनिया को देखा, सायद याद ना हो मुझे... 

पर पहले मेरे उंगलियों ने बेशक आपको ही छूँआ आज नाज हे मुझे। 


दुनिया से अंजान थी मैं सिर्फ जानती थी रोना, 

लेकिन मा वो आप ही थे जिसके किरदार मैंने बखूबी पहचाना। 


जब बेसहारा उंगलियाँ मेरे सहारा ढूंढ रही थी, 

तब माँ वो आप ही थे, जिन्होंने मेरे अंधेरो में भी सपने भर दी थी। 


जानती नहीं आपके प्यार और विश्वास के काबिल हँउ। या नहीं मैं, 

पर सारे सपने आपके पूरे करूँगी आपसे वादा करती हूँ मैं।


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