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Gayatree Swain

Romance

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Gayatree Swain

Romance

अजीब है ये दासता, मगर सुहाना है तुमहारे साथ

अजीब है ये दासता, मगर सुहाना है तुमहारे साथ

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एक सुकून सा है मानो तुम्हारे आवाज़ में, 

मुझे पता नही होता कँहा होति हूँ मैं सिवाए तुम्हारे ख्वाबों के। 


मैं ठीक हूँ बोलने पर भी कुछ रूखा सा लगत हे तुम्हें, 

तलाशी लेते हो तब तक जब तक तसल्ली ना हो तुम्हे। 


मुझे सोचना नही होता है जब बातें करती हूँ तुमसे, 

हर वो लम्हा जो हमने साथ मैं बिताए थे चलो यारा गले से लगाले फिरसे। 


मेरे हर एक छोटी बातों को गौर से सुनते हो तुम, 

बिना मोल वाले बातो को अनमोल से तोलते हो तुम। 


पास नहीं है हम अब, पर साथ हूँ मैं तुम्हारे, 

महसूस करती हूँ तुम्हें हर वक़्त देख कर उस आसमान के किनारे। 


हाँ ज्यादा है फ़ासला मगर फिर भी है कम, 

चाहे जितना आये ये फासले हम तब भी रहेंगे हम। 


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