STORYMIRROR

achla Nagar

Inspirational

4  

achla Nagar

Inspirational

समर्पण

समर्पण

1 min
274

लो आज मैं सुनाती हूंँ एक कहानी, 

डॉक्टर और मरीज की ये एक अनकही कहानी। 


आजकल का यह दौर चल रहा था, 

जो अपना भी अपनों का साथ छोड़ रहा था। 


एक परिवार मरीज को मरने को छोड़ कर अपने घर चला गया था, 

उसका वहां कोई  हमदम नहीं था। 


उसकी कोई देखभाल नहीं कर रहा था, 

जो वहाँ डॉक्टर था उसी ने अपने मरीज की देखभाल करने की ठानी।


 दिन पर दिन मरीज की हालत और भी गंभीर होने लगी, 

डॉक्टर के अंदर जैसे कि एक जुनून सा सवार हो गया।


और उसकी सेवा में दिन रात  समय गुजार दिया, 

सेवा करते करते दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया।


मरीज़ बिल्कुल गुड़िया जैसी थी, 

उसको डॉक्टर ने कहा, "तुम मत घबराओ तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगी"।


पर निरंतर उसका इलाज करते करते वह डॉक्टर भी बीमार हो गया, 

अब दोनों का ही इलाज कोई दूसरा डॉक्टर करने लगा। 


उनके जीवन में कुछ ही पल अब शेष बचे थे,  

तो उन दोनों ने वहीं पर शादी करनी चाही। 


और उनकी शादी करा दी गई, 

उन दोनों ने आपस में कसमें खाई।

 

कोई बात नहीं हम इस जिंदगी में ना मिल सके तो क्या हुआ, 

इस जहाँ से जाने के बाद हम वहां मिलेंगे। 


यह कहकर दोनों ने एक दूसरे को गले से लगाया, 

पर दोनों ने नियमों का अनुसरण करते हुए अंत समय मास्क लगाया।


वाह रे !  प्यार 

वाह रे ! समर्पण 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational