वक्त
वक्त
वक्त रेत सा फिसलता है
ये कब किसी के लिए रुकता है
हर घड़ी का हिसाब है
वक्त का अपना मिजाज़ है
राजाओं के झगड़े देखे
अंग्रज़ों के सपने देखे
संविधान की ताकत देखी
कोरोना -सी आफत देखी
सतत सा चलता रहा जो वो वक्त था
सशक्त हो चला वो वक्त था
एहसास-हीन सा वक्त था
समय से हर पल चला जो वही तो वक्त था।
