जब तुम याद आती हो...
जब तुम याद आती हो...
हम सो भी नही पाते,
ख्यालों में खो नही पाते,
आँसुओं को रोक नही पाते,
जब तुम याद आती हो..।
तुम्हारी चिंता सताती है,
हमारे तन को खाती है,
हमारा मन नही लगता ,
जब तुम याद आती हो..।
अब तो अपने रूठ जाते हैं ,
जब सब्र टूट जाते हैं,
तब सपने भी सताते हैं,
जब तुम याद आती हो..।
किसी की बात सह नही पाते,
अकेले अब रह नही पाते,
किसी से कुछ कह नहीं पाते,
जब तुम याद आती हो..।
अब मेरा कल भी नहीं दिखता,
मेरे कार्यों का फल नही मिलता,
सांसे रुक क्यों नही जाती ,
जब ऐसे विचार है आते,
तब तुम याद आती हो..।
पहले से बदल गए हैं हम,
बहुत ज्यादा बिगड़ गए हैं हम।
कैसे रुष्ठ होकर,
मुझे ऐसे देख सकती हो।
तुम ही एक हो,
जो मुझे बदल सकती हो।
आओ मेरे जीवन में,
मुझे सुधार दो ना।
मेरी बिखरी हुए जिंदगी को,
फिर से संवार दो ना।
मेरे कल में सिर्फ तुम ही
नजर आती हो,
क्योंकि हर क्षण सिर्फ तुम ही,
मुझे याद आती हो...।