मसला सारा मोहब्बत का
मसला सारा मोहब्बत का
अगर मोहब्बत ही न हुआ होता,
तो मैं भी औरों के जैसे आजाद होता।
ना कभी आपा खोता, ना कभी हताश होता।
ना कभी पूरी रातें जगकर, में तकिया भिगोता ।
और ना ही लोगों से छुप कर,
पागलों वाली हरकत करता।
तो मैं भी औरों..…....
हो उठता हूं बेचैन मैं,
वो दर्द में है, जब ऐसा मुझे महसूस होता।
है यकीनन दूर मुझसे,
फिर भी पास रहने का एहसास है होता।
वो खुश हैं मुझे जब भान होता,
मेरे लिए भी जीना आसान हो जाता ।
तो मैं भी औरों........
खैर किसी को खोकर ,उसी से मोहब्बत करना
ये कोई आसान बात नहीं है।
है जहां में लाखों हँसी, फिर भी मेरी प्यारी होना
ये कोई आसान बात नहीं है।
अभी तक जितने शब्द मुझे मालूमात है,
सभी उनके समक्ष पड़ जाते है फिके,
लाखों क्या करोड़ों में भी एक है मेरी हँसी।
मैंने किया है मोहब्बत तो सारे दर्द झेलने ही पड़ेंगे,
मोहब्बत में मिले अगर जहर तो पीने ही पड़ेंगे।
औरों के जैसे आजाद होने से ज्यादा,
मुझे खुशी उनके मोहब्बत के बंधन में है।
मुझे तो पता है वो मुझसे मोहब्बत करती है,
बस उनको एहसास हो इसका इंतजार,
मुझे हर क्षण में है.....।
मसला सारा मोहब्बत का है
मसाला सारा मोहब्बत का है।।