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Ashish Yadav

Romance

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Ashish Yadav

Romance

दिल_ए_चाहत

दिल_ए_चाहत

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तुमसे नाराज नहीं है दिल

खुद से ही परेशान हूँ मैं...

तुम्हें चाहता हूँ तुमसे ज्यादा,

फिर भी बेकार हूं मैं।

कर रहा हूं इंतजार तुम्हारा,

फिर भी बेकरार हूँ मैं।।

तुमसे नाराज नहीं है दिल,

खुद से ही परेशान हूँ मैं...

तुम्हारी यादों को पिरो के,

ये आंखें नम हो गई है।

यादों ही यादों में,

दिल की धड़कन बढ़ गई है।।

तुम बिन कैसे जीए,

ये जिंदगी बेकार लग रही है।

तुमसे नाराज नहीं है दिल,

खुद से परेशान हूँ मैं...

तुम

्हें चाहता हूं तुमसे ज्यादा,

फिर भी बेकार हूं मैं।

सच्चा प्यार है मेरा,

कैसे समझाऊं तुम्हें।

इस बेवफाई की दुनिया में,

कैसे वफा दिखाऊं तुम्हें।।

जो जान देने से सिद्ध होता है प्यार,

तो क्षण भर में दे दूंगा तुम्हें।।

तुमसे नाराज नहीं है दिल,

खुद से परेशान हूँ मैं...

मेरे प्रेम को समझो,

यही चाहत है मेरी।

तुमसे नाराज नहीं है दिल,

खुद से ही परेशान हूँ मैं...

तुम्हें चाहता हूं तुमसे ज्यादा,

फिर भी बेकार हूं मैं।।


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