Shelly Gupta
Romance
तन्हा खड़ा पेड़ के पास
कर रहा हर लम्हा तेरा इंतजार
कभी लगता है कि तुम जरूर आओगी
तो कभी करता दिल तुम्हारे आने से इंकार
दिल की बेचैनी मिटाने
आ जाओ बस एक बार
छुपा लूंगा तुम्हें पलकों में
जाने ना दूंगा इस बार।
मैंने उसे मुस...
वो निरंकुश सी...
फिर पन्नों मे...
मुखौटा
डॉक्टर और नर्...
हॉस्टल के दिन
तितली रानी
किताबें
मेरी गुल्लक
वसुदैव कुटुंब...
जब मौत अपनी गोद में रख लेगी मेरा सिर तुम मेरे पैरों के पास बैठ जाना। जब मौत अपनी गोद में रख लेगी मेरा सिर तुम मेरे पैरों के पास बैठ जाना।
इश्क़ में तेरे हद से गुज़र जाऊँगी या या बिखर जाऊँगी या संवर जाऊँगी...! इश्क़ में तेरे हद से गुज़र जाऊँगी या या बिखर जाऊँगी या संवर जाऊँगी...!
अचानक ही तो मिले थे हम दोनों समय और संस्कारों की यात्रा में। अचानक ही तो मिले थे हम दोनों समय और संस्कारों की यात्रा में।
तकिये से पूछो बारिश में मैं कितना अश्क बहाया था ! तकिये से पूछो बारिश में मैं कितना अश्क बहाया था !
तब अपने अपने धर्म को उच्च बताने का ये समाज करते हैं व्यापार। तब अपने अपने धर्म को उच्च बताने का ये समाज करते हैं व्यापार।
तुम्हारी आहट पर मुझे कुछ पूर्णता का आभास तो हो। तुम्हारी आहट पर मुझे कुछ पूर्णता का आभास तो हो।
लड़का हूँ न allowed नहींं है आजकल के बाजार में। लड़का हूँ न allowed नहींं है आजकल के बाजार में।
माना मुश्किलें हैं इस संसार में आसान नहीं कुछ भी इतना, माना मुश्किलें हैं इस संसार में आसान नहीं कुछ भी इतना,
दूरी कब महसूस हुई है , पल पल साथ निभाया ! दूरी कब महसूस हुई है , पल पल साथ निभाया !
हे राधे ! क्या मुझे छोड़ने तुम नही आओगी तुम अपने कान्हा को विदाई दे पाओगी हे राधे ! क्या मुझे छोड़ने तुम नही आओगी तुम अपने कान्हा को विदाई दे पाओगी
तूने छुआ जो रूह आ गई तो मुझे खुद से भी प्यार है। तूने छुआ जो रूह आ गई तो मुझे खुद से भी प्यार है।
तुम्हें समेट लिया है भीतर जैसे जाड़ों में समेट लिए जाते हैं धरती पर बिखरे पारिजात। तुम्हें समेट लिया है भीतर जैसे जाड़ों में समेट लिए जाते हैं धरती पर बिखरे प...
रख सकता था तुम्हे और तुम्हारे उस मखमल सम मृदुल एहसास को। रख सकता था तुम्हे और तुम्हारे उस मखमल सम मृदुल एहसास को।
जबसे साथ तुम्हारा पाया, मन- वीणा के तार बजे। जबसे साथ तुम्हारा पाया, मन- वीणा के तार बजे।
पर ये मुममिन नहीं और इसी तन्हाई में गुमसुन अकेला बैठा मैं। पर ये मुममिन नहीं और इसी तन्हाई में गुमसुन अकेला बैठा मैं।
आम्र कुंज सब गए बौर से, और न देन लगाओ , फागुन का महीना है आया, प्रियतम घर आ जाओ। आम्र कुंज सब गए बौर से, और न देन लगाओ , फागुन का महीना है आया, प्रियतम घर आ ज...
पहली मुलाकात और उसकी खुशियां, याद करें-आप भी तो साझेदार थे। पहली मुलाकात और उसकी खुशियां, याद करें-आप भी तो साझेदार थे।
जब कभी धीमी हवा मुझे छू कर बहती है, तब पता नहीं क्यों मेरे दिल में कहीं बेचैनी सी हो जब कभी धीमी हवा मुझे छू कर बहती है, तब पता नहीं क्यों मेरे दिल में कहीं...
इन दिनों अकुलाया बौराया सा है मन , प्रिय के आलिंगन को तत्पर है बदन ! इन दिनों अकुलाया बौराया सा है मन , प्रिय के आलिंगन को तत्पर है बदन !
बेशक तुम मत आना... बस कह देना की आऊंगा। बेशक तुम मत आना... बस कह देना की आऊंगा।