वो भी चुप रहता है क्या आप भी चुप ही रहेंगे। वो भी चुप रहता है क्या आप भी चुप ही रहेंगे।
यह कैसा तेरा व्यभिचार है तेरा क्या यही प्यार है। यह कैसा तेरा व्यभिचार है तेरा क्या यही प्यार है।
चंद दिनों के लगाव में लगे जब कोई अपना और होने लगे बगावत चंद दिनों के लगाव में लगे जब कोई अपना और होने लगे बगावत
कभी हवाओं के हमसफ़र रहे हैं। कभी हवाओं के हमसफ़र रहे हैं।
अब वे कमज़ोर हो गईं हैं। वे पहचान नहीं पाती हैं। अब वे कमज़ोर हो गईं हैं। वे पहचान नहीं पाती हैं।
शायद मेरी कलम पर आज भी उसी का राज है। शायद मेरी कलम पर आज भी उसी का राज है।