STORYMIRROR

मधुशिल्पी Shilpi Saxena

Romance

4  

मधुशिल्पी Shilpi Saxena

Romance

उजाले उनकी यादों के

उजाले उनकी यादों के

1 min
23.7K

घनघोर अँधेरे के बीच मन के रौशनदान से !

उजाले उनकी यादों के औचक ही आने लगे !


मन के गोशे को आहिस्ता-आहिस्ता चमकाने लगे !

देखा उन उजालों के पार तुम ही तुम नज़र आने लगे !


बरसों बाद आज भी वही नूर नज़र आया हमें !

ज़माने की बंदिशों से बावस्ता वही शख्स नज़र आया हमें !


न कुसूर तेरा था न कुसूर मेरा था !

तकदीर का मारा कुछ हिस्सा तेरा था कुछ हिस्सा मेरा था !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance