मिट्टी का इंसान
मिट्टी का इंसान
मिट्टी का इंसान
मिट्टी मे ही मिल जाएगा
मगर नेकियों से वो अपने
नाम का डंका पिटवाएगा
झाँसी की रानी हो चाहें
चाहें धाय हो पन्ना सी
चाहें हो राणा प्रताप सा
चाहें हो वो शिवाजी सा
युगों-युगों तक रहेगा जीवित
हर मानव मे कण-कण सा।