लेखन
लेखन
1 min
175
लेखन वो ज़रिया है जो
आक्रोशित मन के उद्गार प्रस्फुटित करता है
भीतर के ज्वालामुखी को काग़ज़ पर ला देता है
झकझोर देता है उस शख्स को भी
जो चाहकर भी कह नहीं पाता है
दर्द के सागर में डुबाकर किनारे से लगा देता है
और कभी किसी के पस्त हौसले का
प्रेरणा स्रोत बन जाता है।
