मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र
तुमसे सीखे तौर-तरीके,
क्या तुम मेरे सीखोगे।
हर पल मुझसे जीतते आए,
अब और कितना जीतोगे।
अपने छोड़े सपने छोड़े,
तुमको अपना माना है।
हर सपने का समझौता कर,
हाथ तुम्हारा थामा है।
मैं औरत हूं कि सीखें,
देना तुम कब छोड़ोगे।
टूट चुकी हूं अंदर-अंदर,
मन से तुम कब जोड़ोगे।

