बेटी हुई कोई अभिशाप नहीं...
बेटी हुई कोई अभिशाप नहीं...
क्या हुआ जो तूने छोड़ा बचपन में ही साथ मेरा..
बेटी हुई कोई अभिशाप नहीं...
दर्द दिया तूने जो भूल बिसरी बात हुई..
चल भूल सारी बातें फिर से नयी शुरुआत करें
तेरे हर दर्द को मैं खुद ही पी लूँगी...
तेरे लिए अब इस दुनिया से भी लड़ लूँगी
बेटी हुई कोई अभिशाप नहीं।
