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Shweta Sharma

Inspirational

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Shweta Sharma

Inspirational

जरूरी था!

जरूरी था!

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ज़िन्दगी में कुछ ठहराव जरूरी था,

समझ सके हम खुद को थोड़ा,

इतना समय शायद जरूरी था!


भागते जा रहे थे हम लोग,

थोड़ा सा रुकना जरूरी था,

थोड़ा रुक कर रास्ता समझना जरूरी था!


समय नहीं मिल पाता था परिवार के लिए,

इसलिए समय निकालना जरूरी था,

अपनों के साथ थोड़ा बैठ पाए,

इसलिए थोड़ा थमना जरूरी था!


हमारे अंदर क्या कमियाँ और ख़ूबियाँ है,

ये जानना जरूरी था,

क्या क्या हम कर सकते हैं,

ये एहसास जरूरी था!


किसान कितनी मेहनत करते हैं,

ये समझना जरूरी था,

क्या मूल्य है अन्न का ये जानना जरूरी था!


जितने भी लोग लगे हुए हैं इस समय

इंसानों की मदद के लिए,

उनका महत्व समझना जरूरी था,

हर इंसान का कुछ ना कुछ महत्व है,

ये जानना जरूरी था!


दूसरों को अपनी छोटी और पुरानी सोच

के कैद में रखने वाले,

खुद कैदी बनकर कैसा लगता है,

ये एहसास जरूरी था!


जब तक खुद पर कोई मुसीबत नहीं आती,

दूसरों का दर्द नहीं समझता कोई,

दर्द सबको होता है, ये समझाना जरूरी था!


इंसान के बिना प्रकृति कितनी स्वच्छ है,

ये दिखाना जरूरी था,

गंदगी फैलाता है इंसान ये समझाना जरूरी था!


ईश्वर से जीतना नामुमकिन है,

ये समझना जरूरी था,

खुद को जो भगवान समझते थे,

उन्हें झुकाना जरूरी था!


बहुत कुछ समझना, समझाना,

सीखना और दिखाना जरूरी था,

इसलिए शायद भगवान का ये

महामारी लाना जरूरी था!


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