क्यों बनाया बेचारा?
क्यों बनाया बेचारा?
लोग कहते हैं औरतें तो रो धोकर
अपना दर्द निकाल लेती हैं,
लेकिन आदमी रोता नहीं बेचारा,
वो अंदर ही अंदर घुटता है,
तो क्यों बनाया हुआ है उसे बेचारा
उसे भी रोने का हक दो ना,
तुम सब ही हो उसे बेचारा बनाने वाले,
तुम सब ही हो उसे अंदर ही अंदर घुटाने वाले,
रोने दो उसे भी, ताकि ना रहे वो बेचारा,
ताकि वो भी अपना दर्द निकाल सके,
ताकि औरतों को सुनना ना पड़े, की वो
तो रो धो लेती हैं और आदमी
रो भी नहीं पाता बेचारा
मर्द को दर्द नहीं होता कहकर
उसे इंसान मानने से ही इंकार कर दिया,
क्योंकि इंसान माना होता, तो तुम्हारी
नज़र में मर्द को भी दर्द होता,
इंसान है तो दर्द तो होगा,
उसमें जान है, तो दर्द तो होगा,
तो क्यों बना दिया उसे बेचारा
आखिर क्यों बना दिया उसे बेचारा।