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Shweta Sharma

Others

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Shweta Sharma

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क्या करूं, अच्छा लगता है।

क्या करूं, अच्छा लगता है।

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कोई तुमसे पूछे यूंही मुस्कुराने की वजह तो कह देना, 

"यूंही मुस्कुराना अब अच्छा लगता है"

बैठे बैठे "यूंही गुनगुनाना अच्छा लगता है"


मेरा दिल अक्सर मुझसे कहता है, मुस्कुराते रहा कर, "मुस्कुराते हुए तू मासूम सा बच्चा लगता है"

"तुझे मुस्कुराते हुए देखना अच्छा लगता है"


रुलाया तो बहुत हैं दुनियावालों ने, अब खुद को

"हंसाना बहुत अच्छा लगता है"

"खुद में मस्त रहना अब अच्छा लगता है"


कुछ लोग तुम्हें कहेंगे शायद पागल, तो कह देना

"इस पागल सी दुनिया में थोड़ा पागल बने रहना अच्छा लगता है"


बहुत यकीन करके देख लिया दूसरों पर, अब खुद पर "यकीन करना बहुत अच्छा लगता है"


कुछ लोग कहें अगर तुमसे, की "कोई समझ नहीं है तुमको" तो कह देना "हमें थोड़ा नासमझ बने रहना ही अच्छा लगता है"


कोई उठाए तुम्हारे सही किरदार पर भी उंगली तो कहना की"मुझे अपना किरदार बहुत अच्छा लगता है"


कोई तुम्हें पकड़ा दे हमेशा ही कमियों की पोटली तो कहना की"इंसान हूं मैं, इंसान बने रहना ही मुझे अच्छा लगता है"


तुम खुद के लिए थोड़ा सोचोगे, तो लोग कहेंगे तुम्हें स्वार्थी, कह देना की"मुझे थोड़ा स्वार्थी बने रहना अच्छा लगता है"


लोग तुम्हें दर्द देने की अक्सर कोशिश करते रहेंगे, तो कह देना की, दे दो जितना दर्द देना है, क्यूंकि"मुझे इलाज़ करना अब अच्छा लगता है"


कुछ लोग तुम्हें दुखी ना देखकर दुखी होंगे, उन्हें कहना, अब तुम दुखी ही रहो, क्यूंकि "मैं क्या करूं, अब मुझे हंसना, मुस्कुराना और गुनगुनाना अच्छा लगता हैं"।



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