आओ चलो थोड़ा सा हंसते मुस्कुराते हैं, मिलकर हम सारे दर्द-गम भुलाते हैं। आओ चलो थोड़ा सा हंसते मुस्कुराते हैं, मिलकर हम सारे दर्द-गम भुलाते हैं।
उसे कहना नहीं आता, मुझे सुनना आता है। उसे कहना नहीं आता, मुझे सुनना आता है।
सोचता हूँ कुछ लिखूँ उनका आना या जाना लिखूँ सोचता हूँ कुछ लिखूँ उनका आना या जाना लिखूँ
दिल के इस चाल को दिमाग़ न पढ़ पाता है जब दो भाव चेहरे पे एक साथ आ जाता है दिल इस चाल को अक्सर आज़मात... दिल के इस चाल को दिमाग़ न पढ़ पाता है जब दो भाव चेहरे पे एक साथ आ जाता है दिल इस...
‘बोलो न भैया । हर बात का सस्पेंस बना कर रखते हो ।’ ‘हं ... हां .... इस बार मैं सच में ‘बोलो न भैया । हर बात का सस्पेंस बना कर रखते हो ।’ ‘हं ... हां .... इस बार मै...
इक बात कहूं, अगर सुनती हो.. तुम मुझको अच्छी लगती हो.. कुछ कुछ चंचल.. कुछ कुछ नटखट.. कुछ कुछ अप... इक बात कहूं, अगर सुनती हो.. तुम मुझको अच्छी लगती हो.. कुछ कुछ चंचल.. कुछ कु...