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mridul tripathi

Romance

3  

mridul tripathi

Romance

सोचता हूँ कुछ लिखूँ

सोचता हूँ कुछ लिखूँ

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सोचता हूँ कुछ लिखूँ

उनका आना या जाना लिखूँ

खुल कर हँसना या मन्द मन्द मुस्कुराना लिखूँ

वो बड़ी बड़ी आंखें या उनका शरमाना लिखूं

सोचता हूँ कुछ लिखूँ.......

वो काले घने लम्बे बाल

या उन बालो का उलझ जाना

वो तेरा उनको सुलझाना लिखूँ

सुर ताल की बेफिक्री से , गुनगुनाना लिखूँ

हसरते बहुत है उनका बढ़ते जाना लिखूँ

ज़िन्दगी की सच्चाई ,चाहतों से अलग

उन सच्चाईयों का अपनाना लिखूँ

दास्तां है लिखनी मुझे

हकीकत लिखूँ या सपने

या हकीकत जैसे सपनो का बिखर जाना लिखूँ

सोचता हूँ कुछ लिखूँ .........

सोचता हूँ .........।

               

                                 



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