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Gursewak Singh Ghumman

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Gursewak Singh Ghumman

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खुशी

खुशी

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ढल रहा है सूरज,

पर पूरी रात अभी बाकी है, 

आँखें हैं भारी भारी

पर सोना अभी बाकी है,

हसीन है उनके चेहरे की चमक 

पर दीदार अभी बाकी है

एक छोटी सी ख़ुशी है,

बस हंसना अभी बाकी है।


देख कर उनका चेहरा,

कुछ सपना सा लगा 

इस भीड़ में कोई अपना सा लगा, 

यूँ जाम तो छलकता है हरदम 

पर उनका महफ़िल में शामिल होना बाकी है,

उनकी आंखों का नूर तो बहुत है

पर उसमे डूबना अभी बाकी है,

एक छोटी सी ख़ुशी है,

बस हंसना अभी बाकी है।


ख्वाइशों की छत है उनपर

चढ़ना अभी बाकी है,

दुआओं के खत हैं उन्हें

पढ़ना अभी बाकी है,

उन्हें दिल में समाया है

बाहों में समाना अभी बाकी है,

एक छोटी सी ख़ुशी है,

बस हंसना अभी बाकी है,

एक छोटी सी ख़ुशी है,

बस हंसना अभी बाकी है।



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