अभी अभी देखा है तुम्हें अपने करीब से गुजरते हुये यादों की गठरी उतारते हुए। अभी अभी देखा है तुम्हें अपने करीब से गुजरते हुये यादों की गठरी उतारते ह...
जो इस अंधेरे में कहीं घूम रही हूँ मैं जो इस अंधेरे में कहीं घूम रही हूँ मैं
छू लू जरा आज ऐसे अभी छू लू जरा आज ऐसे अभी
इलज़ाम अभी और भी आएंगे देखना । हर रोज़ नया झूठ वो लाएंगे देखना ।। इलज़ाम अभी और भी आएंगे देखना । हर रोज़ नया झूठ वो लाएंगे देखना ।।
नज़र शरमा रही है 'मन' मिलने को बेताब है यही दिल की चाहत है। नज़र शरमा रही है 'मन' मिलने को बेताब है यही दिल की चाहत है।
अभी तक, किसी जन को। अभी तक, किसी जन को।