STORYMIRROR

Radha Gupta Patwari

Abstract

3  

Radha Gupta Patwari

Abstract

मुस्कराहट

मुस्कराहट

1 min
210

आओ चलो थोड़ा सा हंसते मुस्कुराते हैं,

मिलकर हम सारे दर्द-गम भुलाते हैं।


जिंदगी जीने का नाम है इसे काटो मत,

किसी को हँसाकर देखो,मनाकर देखो।


खुशियों बेहिसाब मिलेंगी हजार मिलेंगी

हंसना-मुस्कराना जीवन का फलसफ़ा है।


एक प्यारी मुस्कराहट होठों पर सजी रहे,

माना हँसना कठिन है पर संजीवनी है ये।


छोड़ों बीती बातें,आगे थोड़ा देकर बढ़ो,

फिर जीवन की डोर महकेगी मुस्करायेगी !!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract