एक शख्सियत
एक शख्सियत
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कुछ लोग अपनी छाप जाने के बाद भी छोड़ जाते हैं
जीवन अपना समाज को समर्पित कर जाते हैं
ईश्वर रचता है ऐसी शख्सियत लाखों में एक
उनके निस्वार्थ कामों की चर्चा करता है प्रत्येक
विवेकानंद भी एक ऐसा ख़ास व्यक्तित्व थे
युवा शक्ति को जोड़ उन्होंने पुनर्निर्माण किया
भारत की संस्कृति का विश्व में सम्मान नाम किया
अपनी धरती से जुड़े थे देश पर अभिमान था
युवाओं को जोड़ा उन्होंने सही मार्ग चुना उन्होंने
निस्वार्थ भाव से मातृभूमि से देशप्रेम किया उन्होंने
भगवा चोला प्रतीक बना विदेश में परचम लहरा
करतल ध्वनि से सारा आलम उनके सम्मान में था झुका
सीखें हम उनके व्यक्तित्व से देश पर अभिमान हो
अपनी संस्कृति पर हमें गर्व और विश्वास हो।