STORYMIRROR

Rekha Agrawal (चित्ररेखा)

Abstract Inspirational

4  

Rekha Agrawal (चित्ररेखा)

Abstract Inspirational

अता पता

अता पता

1 min
277

कविता की किताब पर

कवि का नाम होता है

रंग बिरंगे चित्र पर

चित्रकार का नाम होता है

देश दुनिया पर हुकूमत करने वाले

शासक का नाम चलता है

बस एक तुम्हारे ही नाम का

कुछ अता पता नहीं

जैसे किसी बच्चे का नाम

अपनी पसंद के हिसाब से

चुन्नू मुन्नू टोनी रख देते हैं

वैसे ही सबने अपनी अपनी पसंद से

तुम्हारा नामकरण कर दिया है

जब तक तुम अदृश्य व निराकार रहोगे

इसी तरह अनेकानेक नामों से पुकारे जाते रहोगे

ठीक है

 निराकार ही रहो

अदृश्य ही रहो

तुम्हारी असलियत जाने बिना

सबने कथा कहानी बुन लिए हैं

तुम्हारी इच्छा अनिच्छा जाने बिना

अपने अपने कर्मकांड तैयार कर लिए हैं

तुम्हारी पसंद नापसंद जाने बिना

बाजार खड़ा कर दिया है

तुम्हारी रुचि अरुचि का ख्याल किए बिना

तंत्र मंत्र यंत्र का तानाबाना रच लिया है

तुम्हारी चुप्पी व खामोशी

सुहाने लगी है

हमारी स्वच्छंदता में

कोई खलल नहीं

विघ्न बाधा नहीं

अच्छी है हमारी धरती भी

स्वर्ग तो नहीं देखा

किंतु कुछ कुछ वैसी ही है यह भी ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract