ये इंसान को हँसा भी सकता है और रुला भी सकता है। ये इंसान को हँसा भी सकता है और रुला भी सकता है।
शुरू रहती है तो बस वही पुरानी कहानी। शुरू रहती है तो बस वही पुरानी कहानी।
बड़े होने की जल्दी में हम बचपन ही जीना भूल गए। बड़े होने की जल्दी में हम बचपन ही जीना भूल गए।
काली रात बीत जाएगी, धरती फिर मुस्काएगी काली रात बीत जाएगी, धरती फिर मुस्काएगी
जितनी हो हैसियत उतने ही पैर फैलाओ जितनी हो हैसियत उतने ही पैर फैलाओ
भलाई भी बाकी इधर बुराइयों में ही कहां जिंदगी है। भलाई भी बाकी इधर बुराइयों में ही कहां जिंदगी है।